खबर या महा-चमत्कार

 

सुरिन्द्र कुमार : कभी पत्रकारिता समाज की नब्ज़ पकड़ती थी, अब सोशल मीडिया पत्रकारिता केवल ‘लाइक’ और ‘शेयर’ गिनती है। खबरें अब ऐसी पेश की जाती हैं, मानो ग्रामीण भारत किसी दूसरे ग्रह का हिस्सा हो। "गांव की लड़की का मेडिकल कॉलेज में चयन", "गांव के लड़के का IIT में सलेक्शन जैसी सुर्खियां अब हमें यह बताने के लिए हैं कि गांव में कोई पढ़-लिखकर आगे बढ़े तो यह किसी अजूबे से कम नहीं है।  

सवाल यह है कि ये खबरें कौन पढ़ रहा है? और पढ़कर किसकी सोच बदल रही है? जब एक गांव की बेटी की मेहनत को 'खबर' के नाम पर ऐसे पेश किया जाए, तो यह उस सामाजिक ताने-बाने पर करारा व्यंग्य नहीं है, जो इस बात को स्वीकार ही नहीं करता कि गांव भी प्रतिभा का गढ़ हो सकते हैं।

फेसबुक पत्रकारिता तो जैसे अचंभित ही है। खबरों की गहराई नापने के बजाय बस फोटो और कैप्शन का खेल चल रहा है। "गांव की लड़की ने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया – पिता किसान, मां गृहिणी।" फोटो में लड़की के साथ खेत में खड़ा परिवार और कैप्शन में लिखा – "सपनों की उड़ान।"  

पत्रकारिता का यह स्तर कहीं न कहीं यह दिखाता है कि फेसबुकिया मीडिया ग्रामीण भारत को केवल एक 'ब्रेकिंग न्यूज' के रूप में देखता है। असली मुद्दे – सड़कों की दुर्दशा, स्कूलों की कमी, अस्पतालों की दुर्गति – खबर नहीं बन पाते। पर हां, किसी लड़की ने डॉक्टर बनने का सपना देखा, तो उसे सोशल मीडिया पर ‘वायरल’ कर दिया जाता है।  

अगर फेसबुक पत्रकारिता इसी राह पर रही, तो वह दिन दूर नहीं जब "गांव के बच्चे ने पहली बार मोबाइल चलाया" या "गांव की औरत ने पहली बार ATM से पैसे निकाले" 'गांव के बच्चे ने Gmail ID बनाई!' या 'गांव की लड़की ने Netflix पर पहली बार मूवी देखी!' जैसी खबरें हमारे सामने होंगी।  खबरों में गहराई तो जैसे इतिहास बन चुकी है। असली मुद्दे जैसे सड़कों की हालत, स्कूलों की कमी, और अस्पतालों की दुर्दशा तो नदारद हैं। पर हां, 'वायरल' शब्द ज़रूर हर हेडलाइन में ठूंसा जाएगा।

ऐसा प्रतीत होता है कि खबरें अब सूचना नहीं, मनोरंजन बन चुकी हैं। ग्रामीण भारत की वास्तविक चुनौतियों और समस्याओं को दरकिनार कर, फेसबुक पत्रकारिता अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड बनाने की होड़ में लगी है। पत्रकारिता की इस दिशा से ग्रामीण भारत को न तो सम्मान मिलता है और न ही समस्याओं का समाधान। यह केवल 'लाइक', 'शेयर', और 'वायरल' की गिनती का खेल बनकर रह गया है।

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