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हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: दो पहाड़ी राज्यों की आर्थिक विकास यात्रा

  सुरिन्द्र कुमार : हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, भारत के दो प्रमुख पहाड़ी राज्य, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, और पर्यावरणीय विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन दोनों राज्यों ने अपनी अनूठी चुनौतियों और अवसरों के बीच आर्थिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस लेख में हम दोनों राज्यों की आर्थिक स्थिति का तुलनात्मक विश्लेषण करेंगे, ताकि उनकी प्रगति, चुनौतियों और विकास के क्षेत्रों को बेहतर समझा जा सके। भौगोलिक और सामाजिक पृष्ठभूमि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का गठन क्रमशः 1948 और 2000 में हुआ। दोनों राज्यों का अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी है, जो आर्थिक विकास में बाधा भी बनता है और संभावनाएं भी प्रदान करता है। हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर है और इसकी आबादी लगभग 70 लाख है। दूसरी ओर, उत्तराखंड का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है और इसकी जनसंख्या करीब 1.1 करोड़ है।   जनसंख्या और क्षेत्रफल में यह अंतर इन राज्यों की आर्थिक प्राथमिकताओं को प्रभावित करता है। हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति संसाधन अधिक उपलब्ध हैं, जबकि उत्तराखंड की अधिक जनसंख्या ...

कांग्रेस मंत्रिमंडल में बढ़ रही अनुशासनहीनता - आम जनता के लटक रहे काम

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मुख्यमंत्री सुक्खू के आदेशों की भी हो रही अनदेखी सचिवालय में भी महज़ खानापूर्ति द ईरावती : प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री कांग्रेस कार्यालय में नहीं बैठ रहे। जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता और आम जनता अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष नहीं उठा पा रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री सुक्खू ने हर महीने कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में विमर्श के निर्देश दिए थे। मगर, मंत्रियों ने इन आदेशों को ताक पर रख दिया है। पिछले दो महीनों में शुरू हुआ सिलसिला जन-समस्याओं के समाधान के मकसद से बीते 2 मार्च को मुख्यमंत्री स्वयं कांग्रेस कार्यालय में बैठे थे। तब उन्होंने मंत्रियों को कांग्रेस कार्यालय में बैठाने का ऐलान किया था, ताकि आम जनता और पार्टी कार्यकर्ता अपनी समस्याएं मंत्रियों के समक्ष रख सकें। मगर, अप्रैल और मई महीने से मुख्यमंत्री के आदेशों को मंत्री हल्के में लेने का सिलसिला शुरू हो गया। सचिवालय में बैठने से भी गुरेज ज्यादातर मंत्री सचिवालय दफ्तर में नहीं बैठ रहे हैं। कई मंत्री सिर्फ कैबिनेट मीटिंग के लिए शिमला आते हैं और अगले ही दिन सचिवालय से गायब हो जाते हैं। इससे विभिन्न विभागों की फाइलें कई-कई दिन तक ल...