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सजगता से होगा जनसंख्या वृद्धि का निवारण

दैनिक हिमाचल: ऐसा माना जाता है कि विकासशील अर्थव्यवस्था में जनसंख्या की कम वृद्धि अपेक्षित है। लेकिन एक निश्चित स्तर के पश्चात जनसंख्या वृद्धि से समस्याएं उत्पन्न होना शुरू हो जाती हैं जिनमें संसाधनों का हास सर्वाधिक संजीदा समस्या   है। क्योंकि, जो संसाधन पहले जनसंख्या का पोषण करते थे अब सक्षम नही रहे हैं। जिसके फलस्वरूप, असीमित जनसंख्या के लिए सीमित संसाधनों का गणित लड़खड़ा जाता है। आज जनसंख्या वृद्धि की समस्या से समूचा विश्व ग्रसित है और एशिया में यह अपने विकराल रूप में हैं। क्योंकि, यहां संपूर्ण विश्व की आधे से अधिक जनसंख्या निवास करती है। बीते साल, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत में तीव्रता से बढ़ रही जनसंखया पर चिंता जाहिर की तथा इसे नियंत्रित करने का विचार रखा। हालांकि, इससे पहले बजट सत्र में एक नामांकित सांसद द्वारा जनसंख्या नियन्त्रण विधेयक, 2019 राज्यसभा में प्रस्तुत किया। विधेयक में दो बच्चों के जन्म का प्रावधान था और दो से अधिक बच्चों वाले जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित करने का जिक्र था। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को भी दो से अधिक बच्चे पैद